हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
☀ आज
रविवार: रबीउव अव्वल1444 की 12 और अक्टूबर 2022 की 9 तारीख हैं।
☀ इत्रे कुरआन:
وَهُوَ الَّذِی خَلَقَ اللَّیْلَ وَالنَّهَارَ وَالشَّمْسَ وَالْقَمَرَ ۖ کُلٌّ فِی فَلَکٍ یَسْبَحُونَ﴿سورة الأنبیاء آیت ۳۳﴾
और वह वही है जिसने रात और दिन एवंम सूर्य तथा चंद्रमा को पैदा किया। सब अपने अपने ध्रुव मे चक्कर लगा रहे है।
☀ घटनाएँ:
विलदत ए हज़रत रसूले अकरम (स) अहले सुन्नत की रिवायत के अनुसार (हिजरत से 53 साल पहले) सप्ताह वहदत का आरम्भ।
आज का दिन विशिष्ठ (मख़सूस) हैः
1- मौला अमीरुल-मोमेनीन हज़रत अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) से।
2- इस्मातुल्लाहिल कुबरा हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) से।
☀ आज के अज़कार:
- या ज़ल जलाले वल इकराम 100 बार
- इय्याका नाअबूदू वा इय्याका नस्तअईन 1000 बार
- या फत्ताहो 489 बार
☀ इमाम हसन अस्करी (अ.स.) का फ़रमान:
आज रविवार को दो सलाम के साथ चार रकअत नमाज़ पढ़े प्रत्येक रकअत में सूरह अल-हमद के बाद सूरह अल-मुल्क पढ़े, तो अल्लाह उसे बहिश्त (स्वर्ग) मे दिल पसंद मकान प्रदान करेगा। (मफ़ातीह उल जनान)
☀ रविवार के दिन की दुआः
بِسْمِ اللّهِ الرَحْمنِ الرَحیمْ؛ बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम अल्लाह के नाम से ( शुरू करता हूं) जो बड़ा दयालू और रहम वाला है।
بِسْمِ اللّهِ الَّذِی لاَ أَرْجُو إلاَّ فَضْلَہُ، وَلاَ أَخْشیٰ إلاَّ عَدْلَہُ، وَلاَ أَعْتَمِدُ बिस्मिल्लाहिल लज़ी ला अरजु इल्ला फ़ज़्ला, वला अख़शा इल्ला अदला, वला आअतमेदो अल्लाह के नाम से जिसके फ़ज़्ल व करम ही का उम्मीदवार हूं और उसके न्याय ही से भयभीत होता हूं और उसकी के वचन पर भरोसा रखता हूं,
إلاَّ قَوْلَہُ، وَلاَ ٲُمْسِکُ إلاَّ بِحَبْلِہِ، بِکَ أَسْتَجِیرُ یَا ذَا الْعَفْوِ وَالرِّضْوانِ مِنَ الظُّلْمِ इल्ला कौलाहु, वला अमसेको इल्ला बेहब्लेही, बेका अस्तजीरो या ज़ल अफ़्वे वर्रिज़वाने मिनल ज़ुल्मे और उसी रस्सी पकड़े हुए हूं और अंदेखी करने और राज़ी हो जाने वाले (ईश्वर) मै अत्याचार
وَالْعُدْوانِ، وَمِنْ غِیَرِ الزَّمانِ، وَتَواتُرِ الْاَحْزانِ، وَطَوارِقِ الْحَدَثانِ، وَمِنِ انْقِضَائِ वल उदवाने, वा मिन ग़ैरिज़्ज़माने, वा तवातोरिल अहज़ाने, वा तवारेक़िल हदासाने, वा मिन क़ेज़ाए और शत्रुता से। और ज़माने के परिवर्तन से और एक के बाद दूसरे ग़मो से और घटने वाली घटनाओ से और आख़ेरत के लिए ख़ैर और पुण्य के
الْمُدّ ۃِ قَبْلَ التَّأَھُّبِ وَالْعُدَّۃِ، وَ إیَّاکَ أَسْتَرْشِدُ لِمَا فِیہِ الصَّلاَحُ وَالْاِصْلاحُ، وَبِکَ इलमुद्दाते क़ब्लत्ताहोबे वल उद्दते, वा इय्याका अस्तरशेदो लेमा फ़ीहिस्सलाहे वल इस्लाहो, वा बेका ज़खीरे की फ़राहमी से पहले जीवन समाप्त होने से तेरी शरण चाहता हूं और जिस चीज़ मे बेहतरी और दरुस्ती है उसमे तेरा
أَسْتَعِینُ فِیَما یَقْتَرِنُ بِہِ النَّجَاحُ وَالاِِ نْجَاحُ، وَ إیَّاکَ أَرْغَبُ فِی لِبَاسِ الْعافِیَۃِ अस्तईनो फ़ीमा यक़तरेनो बेहिन्नेजाहो वा इल्लन्नेजाहो, वा इय्याका अरग़बो फ़ी लेबासिल आफ़ियाते नेतृत्व चाहता हूं और उस चीज मे तेरी सहायता चाहता हूं जिसमे सफलता और सहूलत हो मे तुझ से पूर्ण स्वास्थ और तंदरुस्ती की तमन्ना रखता हूं।
وَتَمامِہا وَشُمُولِ السَّلاَمَۃِ وَدَوامِھَا، وَأَعُوذُ بِکَ یَا رَبِّ مِنْ ھَمَزاتِ الشَّیَاطِینِ، वा तमामिया वश्शुमूलिस्सलामते वा दवामेहा, वा आउज़ो बेका या रब्बे मिन हमाज़ातिश शयातीन जिसमे सदैव की सलामती भी सम्मिलित हो, खुदाया मै शैतानी वसवसो से तेरी पनाह चाहता हूं
وَأَحْتَرِزُ بِسُلْطانِکَ مِنْ جَوْرِ السَّلاَطِینِ، فَتَقَبَّلْ مَا کَانَ مِنْ صَلاَتِی وَصَوْمِی، وَ वा आहतरेज़ो बेसुलतानेका मिन जौरिस सलातीने, फ़तक़ब्बल मा काना मिन सलाती वा सौमी, वा और बादशाहो के अत्याचार के मुक़ाबिल तेरी सलतनत की शरण लेता हूं बस मेरी नमाज़े और रोज़े जैसे भी उन्हे स्वीकर कर
اجْعَلْ غَدِی وَمَا بَعْدَہُ أَ فْضَلَ مِنْ سَاعَتِی وَیَوْمِی، وَأَعِزَّنِی فِی عَشِیرَتِی وَ इज़्अल गदि वमा बादाहूं आ फ़ज़ला मिन साअती वा यौमी, वा आ इज़्ज़ीनी फ़ी अशीरती वा कल का दिन और उससे अगले वक्त को मेरे आज के दिन और इस क्षण से बेहतर बना दे मुझे अपने क़बीले और क़ौम मे
قَوْمِی، وَاحْفَظْنِی فِی یَقْظَتِی وَنَوْمِی، فَأَنْتَ اللّهُ خَیْرٌ حَافِظاً، وَأَ نْتَ أَرْحَمُ क़ौमी, वहफ़ज़ानी फ़ी यक़ज़ति वा नौमी, फ़ाअनतल लाहो ख़ैरो हाफ़ेज़ा, वा अनता अरहमो इज़्ज़त प्रदान कर, सोते और जागते हर हाल मे मेरी रक्षा कर, हे अल्लाह तू बेहतरीन निगहबान है और सर्वाधिक दयालु
الرَّاحِمِینَ۔ اَللّٰھُمَّ إنِّی أَبْرَٲُ إلَیْکَ فِی یَوْمِی ھذَا وَمَا بَعْدَہُ مِنَ الْاَحادِ، مِنَ الشِّرْکِ अल राहेमीना, अल्लाहुम्मा इन्नी अब्रओ इलैका फ़ी यौमी हाज़ा वा मा बादाहू मिनल अहादे, मिनश शिरके है, हे अल्लाह। मै तेरी उपस्थिति मे आज के दिन और उससे अगले रविवार के दिनो मे शिर्क और अधर्मी
وَالْاِلْحَادِ، وَٲُخْلِصُ لَکَ دُعَائِی تَعَرُّضاً لِلاِِْجَابَۃِ، وَٲُقِیمُ عَلَی طَاعَتِکَ رَجَائً वल इलहादे, वा अख़्लेसो लका दुआई ताअर्रोज़न लिल इजाबते, वा अक़ीमो अला ताआतेका रजाई नही हूं और ख़ुलूस के साथ तुझ से प्रार्थना करता हूं कि स्वीकार हो जाए और मै सवाब की आशा पर तेरा पालन
لِلاِِْثَابَۃِ، فَصَلِّ عَلَی مُحَمَّدٍ خَیْرِ خَلْقِکَ، الدَّاعِی إلَی حَقِّکَ، وَأَعِزَّ نِی بِعِزِّکَ الَّذِی लिल इसाबते, फ़सल्ले अला मुहम्मदिन खैरे ख़लक़िका, अल-दाई इला हक़्क़िका, वा आइज़्जनी बेइज़्ज़ेकल लजी पर क़ायम हूं बस तू बहतरीन प्राणी और हक के ओर बुलाने वाले मुहम्मद मुस्तफा (स) पर रहमत कर और अपनी इज़्ज़त के सदक़े मुझे वह इज़्ज़त दे जिस मे
لاَ یُضَامُ، وَاحْفَظْنِی بِعَیْنِکَ الَّتِی لاَ تَنَامُ، وَاخْتِمْ بِالانْقِطَاعِ إلَیْکَ أَمْرِی، وَبِالْمَغْفِرَۃِ ला योज़ाम्मो, वहफ़ज़्नी बेऐनेकल लती ला तनामो, वख़्तिम बिल इनक़ेताए इलैका अमरि, वा बिल मग़फ़ेरते ज़ुल्म ना हो, अपनी ना सोने वाली आख से मेरी चौकीदारी कर। मेरा समापन इस प्रकार हो कि तुझी से आशा बांधे रखू और मेरे जीवन को बख़शिश पर
عُمْرِی، إنَّکَ أَ نْتَ الْغَفُورُ الرَّحِیمُ۔ उम्री, इन्नका अनतल ग़फ़ूरुर रहीम. तमाम कर दे। निसंदेह तू क्षमा करने वाला दयालू हूं।
☀ हज़रत अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) की ज़ियारतः
रविवारः यह हज़रत अमीरुल मोमेनीन (अ) का दिन है। इस दिन अमीरुल मोमीन (अ) की ज़ियारत पढ़े जैसा कि रिवायत मे है कि एक व्यक्ति ने हालते बेदारी मे इमाम ज़माना (अ.) को देखा कि आप (अ) अमीरुल मोमेनीन (अ) की यह ज़ियारत पढ़ रहे है।
اَلسَّلاَمُ عَلَی الشَّجَرَۃِ النَّبَوِیَّۃِ وَالدَّوْحَۃِ الْھَاشِمِیَّۃِ الْمُضِییَۃِ الْمُثْمِرَۃِ بِالنُّبُوَّۃِ الْمُونِقَۃِ अस्सलामो अलश शजरतिन नबविय्यते वद दवाहतिल हाशिमिय्यतिल मज़ीयतिल मुस्समेरते बिन नबूवतिल मूनेक़ते
दरख़शा शज्रा ए नबाविया और गुलज़ारे हाश्मिया पर सलाम जो नबुवत से फलदार हुआ है और इमामत से
بِالْاِمَامَۃِ وَعَلی ضَجِیعَیْکَ آدَمَ وَنُوحٍ عَلَیْھِمَا اَلسَّلاَمُ اَلسَّلاَمُ عَلَیْکَ وَعَلَی ٲَھْلِ بَیْتِکَ बिल इमामते वअला ज़जीअय्येका आदमा व नूहिन अलैहेमस सलामो, अस्सलामो अलैका वअला अहलेबैतेकत
लहराया है। और आदम वा नूह पर सलाम हो जो आपके पास दफन है। आप पर सलाम हो और आपके अहलेबैत पर
الطَّیِّبِینَ الطَّاھِرِینَ اَلسَّلاَمُ عَلَیْکَ وَعَلَی الْمَلائِکَۃِ الْمُحْدِقِینَ بِکَ وَالْحَافِّینَ بِقَبْرِکَ तय्येबीनत ताहेरीना, अस्सलामो अलैका वअलल मलाएकतेकतिल मोहदेक़ीना बेका वल हाफ़्फ़ीना बेक़ब्रेका
जो पाको पाकीज़ा है आप पर सलाम हो और उन फ़रिश्तो पर जो आपके द्वार पर खड़े है और आपकी क़ब्र को घेरे हुए है
یَا مَوْلایَ یَا ٲَمِیرَ الْمُؤْمِنِینَ ھَذاَ یَوْمُ الْاَحَدِ وَھُوَ یَوْمُکَ وَبِاسْمِکَ وَٲَ نَا ضَیْفُکَ فِیہِ या मौलाया या अमीरल मोमेनीना हाज़ा यौम उल-अहदे वा होवा यौमोका वा बेइस्मेका वा अना ज़ैफ़ोका फ़ीहे
हे मेरे मौला हे मोमिनो के अमीर यह रविवार का दिन है और यही आपका दिन है और आपके नाम से मखसूस है और मै इस दिन मे आपका
وَجارُکَ فَٲَضِفْنِی یَا مَوْلایَ وَٲَجِرْنِی فَ إنَّکَ کَرِیمٌ تُحِبُّ الضِّیافَۃَ وَمَٲْمُورٌ वाजारुक फ़अज़िफ़नी या मौलाया वअजिरनी फ़इन्नका करीमुन तोहिब्बुज ज़्याफ़ता वा मामूरो
मेहमान और आपकी शरण मे हूं । बस मेरे मौला मुझे मेहमान कीजिए और शरण दीजिए कि निसंदेह आप सखी, मेहमान नवाज़ और शरण देने पर मामूर
بِالْاِجارَۃِ فَافْعَلْ مَا رَغِبْتُ إلَیْکَ فِیہِ وَرَجَوْتُہُ مِنْکَ بِمَنْزِلَتِکَ وَآلِ بَیْتِکَ عِنْدَ बिल इजारते फ़फ़्अल मा रग़िब्तो इलैका फ़ीहे वरजूतोहू मिन्का बेमंज़ेलतेका वआले बैतेका इन्दल
है। बस जिस उद्देश्य से मै इस दिन हाज़िर हुआ हूं और आप से जो आरज़ू रखता हूं पूरी फ़रमाइए अपने और अपने परिवार की खुदा के
اللّهِ، وَمَنْزِلَتِہِ عِنْدَکُمْ، وَبِحَقِّ ابْنِ عَمِّکَ رَسُولِ اللّهِ صَلَّی اللّهُ عَلَیْہِ وَآلِہِ وَسَلَّمَ लाहे, वमंज़ेलते इन्दकुम, वा बेहक़्क़े इब्ने अम्मेका रसूलिल लाहे सल लल्लाहो अलैहे वआलेहि वसल्लमा
बालंदियो के वास्ते और खुदा की मंज़िलत के वास्ते जो आपके नज़दीक है और अपने चचा के भाई हजरत रसूल के हक़ के
وَعَلَیْھِمْ ٲَجْمَعِینَ ۔ वअलैहिम अज्मईना.
वास्ते मेरी आरज़ू पूरी कीजिए आहज़रत और इन सब पर दरूद और सलाम हो।
☀ हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स.अ.) की ज़ियारतः
اَلسَّلاَمُ عَلَیْکِ یَا مُمْتَحَنَۃُ، امْتَحَنَکِ الَّذِی خَلَقَکِ فَوَجَدَکِ لِمَا امْتَحَنَکِ صَابِرَۃً، अस्सलामो अलैके या मुमतहनतो, इमतहनकिल लज़ी ख़लक़ाके फ़वजदके लेमा इमतहनेके साबेरतन
आप पर सलाम हो हे आजमाई हुई ज़ात, आपके ख़ालिक ने आपकी परिक्षा ली तो उसने आपको परिक्षा मे धैर्य रखने वाली पाया
ٲَنَا لَکِ مُصَدِّقٌ صَابِرٌ عَلَی مَا ٲَتی بِہِ ٲَبُوکِ وَوَصِیُّہُ صَلَواتُ اللّهِ عَلَیْھِما، अना लके मुसद्देक़ुन साबेरुन अला मा अता बेहि अबूके वा वसीय्यहु सलवातुल्लाहे अलैहेमा
मै आप पर ईमान रखता हूं जो कुछ आपके पिता श्री और उनके वसी को दिया गया उस साबित कदम हूं इन दोनो पर खुदा की रहमत हो
وَٲَ نَا ٲَسْٲَ لُکِ إنْ کُنْتُ صَدَّقْتُکِ إلاَّ ٲَ لْحَقْتِنِی بِتَصْدِیقِی वा अना अस्अलोके इन कुन्तो सद्दक़तोके इल्ला अलहक़तनी बेतसदीक़ी
मै आप से सवाल करता हूं कि अगर मैने आपकी पुष्ठि की है तो मात्र इसलिए कि आप पुष्टि के माध्यम से मुझे अपने पिता
لَھُمَا، لِتُسَرَّ نَفْسِی، فَاشْھَدِی ٲَ نِّی طاھِرٌ بِوَلاَیَتِکِ وَوَِلایَۃِ آلِ بَیْتِکِ लहुमा, लेतोसर्रा नफ़्सी, फ़श्हदी अन्नी ताहेरुन बेविलायतेके वा विलायते आले बैतेके
और उनके वसी से मिला दीजिए ताकि मुझे खुशी मिले। हे बीबी (स) गवाह रहना कि मै आपकी और आपके परिवार की विलायत का समर्थन करता हूं
صَلَوَاتُ اللّهِ عَلَیْھِمْ ٲَجْمَعِینَ सलावातुल्लाहे अलैहिम अजमाईना।
इन सब पर खुदा की रहमते हो।
☀ हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स.अ.) की दूसरी ज़ियारतः
اَلسَّلاَمُ عَلَیْکِ یَا مُمْتَحَنَۃُ امْتَحَنَکِ الَّذِی خَلَقَکِ قَبْلَ ٲَنْ یَخْلُقَکِ وَکُنْتِ لِمَا अस्सलामो अलैके या मुमतहनातो इमतनहकिल लजी ख़लक़के क़ब्ला अन यख़लोक़ाके वा कुन्ते लेमा
आप पर सलाम हो हे आजमाई हुई ज़ात, आपके ख़ालिक ने आपकी तखलीक़ से पूर्व आपकी परिक्षा ली और हे बीबी आप परिक्षा
امْتَحَنَکِ بِہِ صَابِرَۃً وَنَحْنُ لَکِ ٲَوْ لِیَائٌ مُصَدِّقُونَ وَ لِکُلِّ مَا ٲَتی بِہِ ٲَبُوکِ صَلَّی اللّهُ इम्तहनके बेहि साबेरतन वनहनो लके ओलेयाओ मोसद्देक़ूना वलेकुल्ले मा अता बेहि अबूके सल लल्लाहो
मे धैर्य रखने वाली निकली हम आपके चाहने और पुष्ठि करने वाले है। आपके और जो कुछ आपके पिता मुहम्मद (स)
عَلَیْہِ وَآلِہِ وَسَلَّمَ وَٲَتی بِہِ وَصِیُّہُ ں مُسَلِّمُونَ وَنَحْنُ نَسْٲَ لُکَ اَللّٰھُمَّ إذْ کُنَّا مُصَدِّقِینَ अलैहे वआलेहि वसल्लमा वअता बेहि वसीय्योहू मुसल्लेमूना वा नहनो नसअलोका अल्लाहुम्मा इज़ कुन्ना मुसद्देक़ीना
को दिया गया और जो कुछ उनके वसी अली मुर्तजा को दिया गया, उसे स्वीकार करने वाले है और हम सवाल करते है तुझ से हे पालन हार कि जब हम
لَھُمْ ٲَنْ تُلْحِقَنَا بِتَصْدِیقِنا بِالدَّرَجَۃِ الْعَالِیَۃِ لِنُبَشِّرَ ٲَنْفُسَنَا بِٲَنَّا قَدْ طَھُرْنا लहुम अन्ना तुलहेक़ना बेतसदीक़ेना बिद दरजतिल आलियते लेनोबश्शेरा अनफ़ोसना बेअन्ना क़द तहुरना
इन हस्तियो की पुष्टि करते है तो हमे इस पुष्टि की बदौलत ऊचे स्थान पर पहुंचा देना कि हम खुद को नवेद सुनाए कि हम अहलेबैत की
بِوِلایَتِھِمْ عَلَیْھِمُ اَلسَّلاَمُ ۔ बेविलायतेहिम अलैहेमुस सलाम.
विलायत को मानने से पाक दिल हो गए है।
الـّلـهـم صـَل ِّعـَلـَی مـُحـَمـَّدٍ وَآلِ مـُحـَمـَّدٍ وَعـَجــِّل ْ فــَرَجـَهـُم अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदिन वा आले मुहम्मदिव वअज्जिल फ़राजहुम